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दूषित पानी व भोजन के सेवन से होता है डायरिया, इसलिए बचाव जरूरी : एसीएमओ- change climate







(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):-  बदलते मौसम व मानसून के दौरान लोगों में मौसमजनित बीमारियों की शिकायतें बढ़ जाती हैं। वहीं, बरसात के दिनों में डायरिया, मलेरिया आदि बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है। बीते कुछ दिनों में जिला के कई प्रखंडों में डायरिया के गंभीर मामले सामने आये हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डायरिया की समस्या को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है। डायरिया का गंभीर असर बच्चों के साथ साथ बड़ों को भी होता है। कुपोषित व कमजोर प्रतिरक्षा वाले बच्चों के लिए डायरिया नुकसानदायक  है। शिशु मृत्यु का एक बड़ा कारण डायरिया है। इसलिए इसके होने के कारणों को जानना जरूरी है।
पाचनशक्ति कमजोर होने से भी होता है डायरिया : 
एसीएमओ डॉ. केएन सिन्हा ने बताया, डायरिया होने का सबसे बड़ा कारण दूषित पानी व भोजन का सेवन है। आंतों की किसी अन्य बीमारी के कारण भी डायरिया होता है। वहीं, शरीर में पानी की कमी और पाचनशक्ति कमजोर होने आदि से भी डायरिया होता है। भोजन करने से पहले व शौच के बाद अच्छी तरह हाथों को नहीं धोना की आदत भी डायरिया को जन्म देता है। उन्होंने बताया, डायरिया का सही समय पर सही उपचार जरूरी है। पाचन तंत्र से संबंधित इस रोग का सही इलाज नहीं होने पर रोगी की जान भी चली जाती है। अत्यधिक दस्त के कारण मरीज के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की भारी कमी और आंत में सूजन हो जाता है। 
 गंभीर रूप से प्रभावित होती है पाचन प्रक्रिया : 
डॉ. केएन सिन्हा ने बताया, डायरिया पाचन प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित करती  है । मरीज को दस्त होने लगता है। लगातार पतले दस्त का होना, दस्त के साथ उल्टी, प्यास बढ़ना, भूख नहीं लगना और बुखार रहना आदि डायरिया के लक्षण हैं| इसके साथ ही पेशाब कम लगता  तथा सिरदर्द भी रहता है। डायरिया के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती  तथा त्वचा का रंग पीला हो जाता है। ऐसे लक्षणों की पहचान कर तुरंत इलाज होनी चाहिए। 
स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत : 
डायरिया से बचाव के लिए साफ पानी पीने व ताजा भोजन खाने के साथ अपने आसपास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। बरसात के मौसम में नल या कुआं आदि से लाये गये पानी को उबाल कर ठंडा कर लें और पीने के लिए इस्तेमाल करें। बच्चे व बड़े सभी इस बात का ध्यान रखें कि शौच के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को साबुन पानी से अच्छी तरह 40 सेंकेंड तक जरूर धोयें। बासी भोजन और बाहर के खानों से बिल्कुल  परहेज करें। रसोई व शौचालय की नियमित सफाई जरूरी है। बच्चों को जमीन पर गिरी हुई चीजें उठा कर खाने की आदत नहीं दिलायें। फल को साफ पानी से धोकर ही खायें। छोटे बच्चों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और उन्हें गंदी जगहों पर नहीं जाने दें।  डायरिया से निबटने के लिए घर में ओआरएस का पैकेट रखें।


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