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ग्रामीण इलाकों में अस्थायी साधनों के वितरण के साथ बन्ध्याकरण व नसबन्दी शिविर की दी जाएगी जानकारी- district buxar






(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले के लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरूक करने और अस्थायी और स्थायी साधानों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये 11 जुलाई को विश्वजनसंख्या दिवस का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर जिला के सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ और एनसीडीओ डॉ. संजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर सभी प्रखंडों के लिये जागरूकता रथ को रवाना किया। इस दौरान सिविल सर्जन ने बताया, यह जागरूकता रथ जिले के सभी प्रखंडों में जाएगा। इसके माध्यम से लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के तहत आयोजित किए जा रहे महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी शिविरों की जानकारी दी जायेगी। साथ ही, प्रचार सामग्री और अस्थायी नियोजन के साधानों का वितरण करेगा। उन्होंने बताया कि जागरूकता रथ से ऑडियो संदेशों को भी प्रसारित किया जाएगा। जिससे ग्रामीण परिवेश में दंपति जनसंख्या वृद्धि को रोकने में परिवार नियोजन के साधनों की भागीदारी को भली-भांति समझ सकें। इस मौके पर प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक संतोष कुमार राय, शशि शेखर, रुचि कुमारी, रिंकू कुमारी तथा रीना कुमारी आदि मौजूद थे।

सदर अस्पताल और डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में प्रतिदिन होगा शिविर का आयोजन :
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडल अस्पताल और सदर अस्पताल में बंध्याकरण और नसबंदी के लिए शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत महिला बंध्याकरण के लिए सदर अस्पताल और डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में प्रतिदिन तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सप्ताह में दो दिन शिविर का आयोजन होगा। वहीं, पुरुष नसबंदी सदर पीएचसी में 13 व 25 जुलाई, चौगाईं व चक्की पीएचसी में 15 व 21 जुलाई, नावानगर और केसठ में 20 व 27 जुलाई तथा सिमरी में 25 जुलाई को शिविर लगाए जाएंगे। जिसके लिए जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी। ये जागरूकता रथ सभी प्रखंडों में पांच दिनों तक अलग अलग पंचायतों में जाकर ग्रामीण इलाकों के लोगों तक शिविर की जानकारी के साथ अन्य सुविधाओं की जानकारी देंगे।

योग्य दंपति तक स्थायी व अस्थायी साधनों की पहुंच को सुनिश्चित किया जाएगा :
एनसीडीओ डॉ. संजय कुमार ने बताया, परिवार नियोजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ अंतिम योग्य दंपति तक स्थायी व अस्थायी साधनों की पहुंच को सुनिश्चित किया जाना है। जिससे मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों की सभी एएनएम एवं काउंसलर योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन की विधियों पर परामर्श देते हुए सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने बताया, जिन दंपतियों का परिवार पूरा हो चुका है। उन्हें परिवार नियोजन के अस्थाई विधि को अपनाने के साथ ही संस्थागत प्रसव कराने वाली सभी महिलाओं को स्थायी नियोजन कराने के लिये प्रेरित करेंगी। जागरूकता रथ में विभिन्न प्रकार की जानकारियों का समावेश किया है। जिसमें पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि, प्रेरकों को दी जाने वाली रकम, परिवार नियोजन के साधनों की सुगमता से उपलब्धता कराने समेत अन्य जानकारी के संदेश प्रसारण की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ लोगों को मिल सके।


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