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वैक्सीन आने तक बच्चों की निगरानी जरूरी, संक्रमण से बचने को मास्क व शारीरिक दूरी के पालन के लिए करें प्रेरित- covid news





(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद 18 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लोगों के लिये वैक्सीनेशन अभियान तो शुरू हो गया। लेकिन, अभी तक 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर-किशोरियों के साथ बच्चों की वैक्सीन शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में कोविड 19 महामारी की संभावित तीसरी लहर का बच्चों पर होने वाले प्रभाव के मद्देनजर जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है ऐसे समय में बच्चों को घरों से बाहर आवश्यक होने पर ही ले जायें। उन्हें अधिक से अधिक घर पर ही समय बिताने की आदत दिलायें। छोटे बच्चों को रिश्तेदारों व दोस्तों के यहां न ले जायें। विशेषकर उस समय यह अधिक जरूरी है, जब वहां का कोई सदस्य सर्दी, खांसी व बुखार या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हो। वहीं बच्चों को भीड़भाड़ वाली जगहों, सभाओं व समारोहों में ले जाने से परहेज करें। बच्चों को हाथ मिलाने अथवा चुंबन से भी परहेज करायें तथा एसएमएस के नियमों जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटाइजेशन शामिल हैं का पालन करायें।
हाथों की नियमित सफाई के प्रति करें जागरूक:
जब तक बच्चों के लिये वैक्सीन नहीं आ जाती , तब तक उनकी निगरानी  जरूरी है। बच्चों की साफ सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। बच्चों को नियमित रूप से स्नान करायें। हाथों को साबुन पानी से धोने के तरीकों की जानकारी दें और ऐसा नियमित रूप से करने के प्रति जागरूक करें। बच्चों को सैनिटाइजर के इस्तेमाल की जानकारी दें। छोटे बच्चों की देखभाल के दौरान परिवार के सदस्य के हाथों को पहले धोयें अथवा सैनिटाइज करें। घरोंं व शौचालय की रोजाना सफाई करें। साथ ही, उनके कमरों की  तकिया के कवर व चादर को नियमित बदलें।
बच्चों के खिलौने व अन्य वस्तुओं को सैनिटाइज करें: 
तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए घरों में मौजूद उपकरणों आदि की भी सफाई करें। इनमें मोबाइल फोन, खेलने की सामग्रियां, जॉय स्टिक, कंप्युटर की-बोर्ड, बच्चों के खिलौने, धातू की अन्य सतहें जैसे दरवाजों के हैंडल व अन्य वस्तुओं आदि की सफाई करते रहें। इसके अलावा बाहरी वस्तुओं जैसे लिफ्ट के दरवाजे, सीढ़ियों की रेलिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के हैंडल या ऐसे कोई भी वस्तू जिसे अन्य व्यक्ति द्वारा स्पर्श किया जाता है, आदि के छूने के बाद हाथों को अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर अथवा साबुन पानी से जरूर साफ करें। बच्चों को मास्क के इस्तेमाल की जानकारी दें। बच्चों को अन्य के रूमाल, तौलिया, ब्रश आदि के इस्तेमाल नहीं करने की आदत सिखायें।  
बच्चों के लिए प्रोटीन युक्त आहार की मात्रा बढ़ाएं :
बच्चों को आहार में उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें। भोजन में अंडा, अंकुरित चना, मूंग, राजमा तथा दाल आदि को शामिल करें। प्रतिदिन उन्हें दूध दें। ताजा हरी व पत्तेदार सब्जी व विटामिन सी की प्रचूर मात्रा पाये जाने वाले मौसमी फलों का सेवन जरूर करायें। ये बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। घरों में तैयार किये गये भोजन ही दें। बाहर के खाना व जंक फूड से दूर रखें। साथ ही बच्चों को प्रतिदिन आधा घंटा धूप  में बैठने या खेलने के लिए कहें। विटामिन डी की पूर्ति के लिए सुबह की धूप बेहतर होती है। पीने के लिए गुनगुने पानी दें व गरारा करने के लिए कहें।


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