बक्सर । जिले के डुमरांव के प्रख्यात चिकित्सक डॉ बालेश्वर सिंह का बुधवार रात पटना के आईजीआईएमएस में इलाज के दौरान निधन हो गया. वे करीब 10 बजे अंतिम सांस ली. लगभग 20 दिन पहले उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुरुआती सुधार के बाद फिर से उनकी स्थिति बिगड़ गई और वे कोमा में चले गए. बुधवार को मल्टी ऑर्गन फैल्योर के कारण उनका निधन हो गया.
डॉ बालेश्वर सिंह का डुमरांव राज परिवार से खास जुड़ाव रहा. उनके पिता स्व. सुग्रीव सिंह डुमरांव राज परिवार के प्रबंधक थे, जिससे बचपन से ही उनका लगाव बना. उन्होंने लंबे समय तक राज अस्पताल में अपनी सेवाएं दी. हाल के वर्षों में वे छठिया पोखर स्थित अपने क्लीनिक में मरीजों का इलाज कर रहे थे. वे खासकर गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध थे.
सामाजिक कार्यों में योगदान :
रेडक्रॉस किडनी उपशाखा के सचिव के रूप में उन्होंने समाजसेवा में भी योगदान दिया. चेयरमैन सुरेश अग्रवाल रेडक्रॉस सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी ने उनके निधन को मर्माहत करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस दुखद घड़ी में हिम्मत देने की प्रार्थना की गई है. दुखद घड़ी में रेड क्रॉस परिवार शोकाकुल है.
शोक संवेदनाओं का लगा तांता :
चौगाईं के जिला परिषद सदस्य अरविंद प्रताप शाही उर्फ बंटी शाही,राजीव रंजन सिंह,डॉ रमेश सिंह सहित अन्य सामाजिक लोगों ने बताया कि इस खबर से गहरा आघात पहुंचा. वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और स्वजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. डॉ बालेश्वर सिंह का शव बक्सर के मुक्तिधाम ले जाया जाएगा, जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
पारिवारिक पृष्ठभूमि :
डॉ बालेश्वर सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और भतीजे हैं. उनकी कोई संतान नहीं थी. उनके बहनोई व पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह और छोटे भाई व छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दुर्ग विजय सिंह ने भी गहरा शोक व्यक्त किया और बक्सर के लिए रवाना हो गए.
डॉ बालेश्वर सिंह का निधन न केवल डुमरांव के लिए बल्कि पूरे बक्सर क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनकी सेवाएं और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे.
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