-जिले में बढ़ रहे टीबी के मरीज, बचाव के बताए जा रहे उपाय
-जिले में 1500 टीबी के मरीज इलाजरत, दो महीनों में चिह्नित किये गए 92 मरीज
सासाराम । टीबी बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगातार उन्मूलन अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि निर्धारित लक्ष्य 2025 तक टीबी को जड़ से मिटाया जा सके। इधर रोहतास जिले में टीबी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। टीबी एक संक्रमित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में जिला स्वास्थ्य समिति लगातार अभियान चलाकर टीबी से संक्रमित मरीजों का पता लगाकर उनका इलाज कर रही है, ताकि टीबी के संक्रमण को रोका जा सके। रोहतास जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी 1500 लोग टीबी से संक्रमित हैं और उनका इलाज जारी है। पिछले 2 महीने के भीतर जिले में कुल 1108 लोगों की टीबी जांच की गयी जिसमें 92 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए। वहीं जिला में बढ़ते टीबी मरीजों को देखते हुए जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा लोगों को लगातार इस बीमारी के कारण और उसके बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं।
टीबी के लक्षण--
टीबी एक संक्रामक और जानलेवा बीमारी है जो उपचार एवं जानकारी के अभाव में जानलेवा साबित हो सकता है। यह बीमारी हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। जिला यक्ष्मा केंद्र के सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी के मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह नाक से निकलने वाली पानी की बूंदे इन्हें फैलाती है। टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करती है। इसलिए इसकी शुरुआत खांसी से होती है। सूखी खांसी के बाद खांसी के साथ बलगम और खून का आना, रात में सोते समय पसीना आना, लगातार बुखार रहना, कमजोरी होना, थकावट होना, वजन का घटना, सांस लेने में परेशानी होना टीबी के मुख्य लक्षण हैं ।
टीबी से बचाव के तरीके=
सीडीओ ने बताया कि 1 से 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं। मास्क पहनें एवं खांसी आने पर मुंह को रुमाल से ढकें । टीबी संक्रमित व्यक्ति जहां-तहां नहीं थूकें। पौष्टिक आहार लें एवं नियमित व्यायाम करें। साथ ही साथ साफ-सफाई का भी पूरा ख्याल रखें।
टीबी को ले जागरूकता जरूरी--
डॉ राकेश कुमार ने कहा कि टीबी बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। टीबी बीमारी का लक्षण दिखने पर इसे छुपाए नहीं बल्कि तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पतालों में संपर्क करें। उन्होंने बताया कि टीबी जांच के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं । टीबी संक्रमित मरीजों का पता लगाकर उन्हें उचित उपचार दिए जा रहे हैं। सीडीओ ने बताया कि टीबी की जांच से लेकर उसकी दवाएं सभी सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही साथ टीबी से संक्रमित मरीजों को प्रतिमाह 500 रुपये सहायता राशि प्रदान की जाती है ताकि उस पैसे से मरीज पौष्टिक आहार ले सके।
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