- कालाजार प्रभावित गांवों में पांच सितंबर से शुरू होगा एसपी पाउडर का छिड़काव
- दवाओं के छिड़काव के पूर्व अधिकारियों व कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
आरा | कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में इनडोर रेसिडेंशियल स्प्रे (आईआरएस) का छिड़काव शुरू होने वाला है। जिसको लेकर सदर अस्पताल में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के अधिकारी व कर्मी शामिल हुए। जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को सिंथेटिक पैराथायराइड (एसपी) पाउडर के छिड़काव के संबंध में जानकारी दी गई। जिले में पांच सितंबर से कालाजार प्रभावित गांवों में छिड़काव का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने पांच प्रखंडों के आठ गांवों को चिह्नित किया है। जहां पर आईआरएस चलाया जाएगा। जिनमें सदर प्रखंड के लक्षणपुर व जमीरा, जगदीशपुर के सियरुआं, उदवंतनगर के चौकपुर, बड़हरा प्रखंड के पूर्वी बबुरा, बखोरापुर व गजीयापुर के अलावा शाहपुर प्रखंड के करीमन ठाकुर के डेरा स्थित पंचखोरी का डेरा गांव शामिल हैं। इन गांवों के कुल 8278 घरों में 491.76 किग्रा की मदद से छिड़काव किया जाएगा। जिसके लिए संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।
छिड़काव के दौरान एक भी घर न छूटे :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों को बताया कि इसके लिए सभी प्रखंडों का माइक्रोप्लान तैयार किया जा चुका है। जिसके तहत जिले में पांच सितंबर से लेकर 17 नवंबर तक अभियान चलाया जाना है। हर चिह्नित गांव के लिए विशेष अवधि निर्धारित है। ताकि, उक्त गांव के सभी घरों में ठीक से दवाओं का छिड़काव सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने बताया कि छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसको लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। जिसके दौरान कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, ये भी बताया जाएगा।
सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध :
डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि छिड़काव के दौरान मरीजों के परिजनों को कालाजार के लक्षणों की पहचान व इसके इलाज संबंधित पूरी जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि कालाजार की जांच की सुविधा पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। वहीं, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है । जिससे भविष्य में कालाजार की पहचान व उसके इलाज के प्रति वो अन्य ग्रामीणों को इस संबंध में जागरूक करेंगे ।
छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।
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