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कालाजार उन्मूलन के लिए जिले में चलेगा विशेष अभियान




- पांच सितंबर से दूसरे चरण के तहत कालाजार प्रभावित गांवों में शुरू होगा आईआरएस
- 1907 घरों में छिड़काव के लिए कुल 125 किग्रा एसपी पाउडर का होगा छिड़काव

बक्सर | जिला स्वास्थ्य समिति कालाजार उन्मूलन के लिए दो स्तरीय तैयारी कर रही है। एक ओर जहां लोगों को कालाजार के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। ताकि, उन्हें कालाजार के लक्षणों की जानकारी हो सके। वहीं, पांच सितंबर से जिले के सभी प्रभावित गांवों में कालाजार उन्मूलन के लिए आईआरएस (इनडोर रेसिडेंशियल स्प्रे) का छिड़काव शुरू होगा। जिसका माइक्रो प्लान बनाकर तैयार कर लिया गया है। जिसके तहत प्रभावित गांवों को चिह्नित किया जा चुका है। जिसमें सदर प्रखंड के पड़री व छोटका नुआंव के अलावा नावानगर प्रखंड स्थित मणिया गांव का चयन किया गया है। इन गांवों का चयन पिछले तीन साल के अंदर मिले मरीजों के आधार पर किया गया है। ताकि, फिर से कालाजार का प्रसार न हो सके।
चिह्नित गांवों के 1907 घरों में होगा छिड़काव :
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार राजीव कुमार ने बताया, माइक्रोप्लान के अनुसार पड़री में 439 घरों, छोटका नुआंव में 834 घरों और नावानगर के मणिया गाँव में 1276 घरों को चिह्नित किया गया है। जहां पर आईआरएस का छिड़काव किया जाना है। यह अभियान 33 दिनों तक चलाया जाएगा। जिसके अंतर्गत बक्सर के पड़री से शुरू होते हुए छिड़काव अभियान नावानगर में 21 अक्टूबर को समाप्त होगा। कुल 1907 घरों में छिड़काव के लिए कुल 125 किग्रा सिंथेटिक पैराथायराइड (एसपी) पाउडर की मांग की गई है। जो विभाग की ओर से जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि मणिया में वर्ष 2019 में कालाजार का मरीज मिला था। उसके बाद छोटका नुआंव में पीकेडीएल का मरीज 2021 व पड़री में इस वर्ष भी कालाजार के मरीज की पुष्टि हुई थी।
लक्षण पाए जाने पर तत्काल कराएं इलाज :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं लगना, रोगी में खून की कमी, रोगी का वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में उपयुक्त लक्षण पाए जाने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच कराएं व इसका उपचार कराएं। जिले में मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी एक बार ठीक होने के बाद भी लापरवाही न करें, क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा से शुरू हो सकती है इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।


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