- एक जनवरी से अब तक टीबी के 1205 मरीज व एचआईवी के 1147 मरीजों की हुई पुष्टि
- 414 डायबिटीज मरीजों में भी पाये गये हैं टीबी के लक्षण
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- लोगों को होने वाली गंभीर बीमारयों के संबंध में अक्सर पढ़ते और सुनते हैं। लेकिन, कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जो अपने साथ दूसरी बीमारियों को भी न्यौता देती हैं। इन बीमारियों में से एक है ह्यूमन इम्यूनोडडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी)। एचआईवी एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने के बाद टीबी यानी की यक्ष्मा होना लाजिमी है। इसलिये जिले के सभी टीबी मरीजों की एचआईवी टेस्ट या एड्स के मरीजों में टीबी की जांच की जाती है। क्योंकि, एचआईवी के कारण मरीज का शरीर कमजोर हो जाता है। जिसके कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी तेजी से गिरावट होती है। एचआईवी अन्य संक्रामक रोग के लिये रास्ता खोल देता है। इसलिये यदि किसी मरीज को एचआईवी व निष्क्रिय टीबी होती है, तो उनको सक्रिय टीबी होने की संभावना अधिक होती है। यदि इन दोनों संक्रामक रोगों का इलाज नहीं किया जाता है, तो मिलकर अन्य गंभीर बीमारियों को पैदा कर सकते हैं।
लोगों को टीबी के विषय में जानना जरूरी :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, एचआईवी व टीबी के बीच के संबंध से पहले लोगों को टीबी के विषय में जानना जरूरी है। टीबी के दो रूप होते हैं, एक सक्रिय और दूसरा निष्क्रिय। जिन लोगों में सक्रिय टीबी होता है, वे इसलिये बीमार हैं कि उनके शरीर में बहुत अधिक मात्रा में टीबी के जीवाणु सक्रिय होते हैं। जिन लोगों में निष्क्रिय टीबी होती है, उनके शरीर में भी टीबी के सक्रिय जीवाणु होते हैं। लेकिन वे बीमार इसलिये नहीं पड़ते, क्योंकि टीबी के जीवाणु उनके शरीर में सोते रहते हैं। आमतौर पर ऐसे मरीजों पर टीबी के जीवाणु का प्रभाव पूर्व में हो चुका रहता है। इसलिये निष्क्रिय टीबी के मरीजों को भवष्य में सक्रिय टीबी हो सकता है। विशेषकर जब वे एचआईवी से संक्रमित हो।
एक जनवरी के बाद टीबी और एचआईवी के 17 मरीज मिले :
सिनियर लेबोरेटरी सुपरवाइजर कुमार गौरव ने बताया, ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिनमें एचआईवी मरीज टीबी से भी संक्रमित पाये गये हैं। एक जनवरी 2022 से अब तक जिले में 1205 मरीज टीबी से संक्रमित पाये गए। वहीं, इस दौरान एचआईवी के 1147 मामलों की पुष्टि हुई। लेकिन, इन सब में 17 मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें एचआईवी और टीबी दोनों हैं। जिनमें से 9 मरीजों को एआरटी और तीन मरीजों का सीपीटी के माध्यम से इलाज चल रहा है। साथ ही, जिले में नये डायबिटीज मरीजों में भी टीबी के लक्षण पाये जाते हैं। ऐसे मरीजों की संख्या जिले में 414 है। जिनमें 39 कोमॉर्बिड मरीजों को चिह्नित किया गया है।
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