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विश्व रक्तदाता दिवस पर दानवीरों को किया जायेगा सम्मानित




- रेड क्रॉस सोसाइटी, आरा में 14 जून को सम्मान सह रक्तदान शिविर का होगा आयोजन
- युवाओं को रक्तदान करने के लिए चलाया जायेगा जागरूकता अभियान

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):- ब्लड यानी खून एक ऐसी चीज है जिसे बनाया ही नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई और विकल्प भी नहीं है। यह इंसान के शरीर में स्वयं ही बनता है। कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ज्यादातर मामलों में खून की जरूरत दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल किसी व्यक्ति को या फिर प्रसव के दौरान महिलाओं को होती है। ऐसी ही आपात स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करके, जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को पूरे विश्व में 'रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है। इस क्रम में भोजपुर जिले में भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। साथ ही, जिला मुख्यालय स्थित रेड क्रॉस सोसाइटी में सम्मान सह रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जायेगा। ताकि, दानवीरों की हौसलाअफजाई की जा सके।
कई लोग नियमित रूप से करते हैं रक्तदान :
रेडक्रॉस सोसायटी की सचिव विभा कुमारी ने बताया, जिले में कई ऐसे दानवीर हैं जो नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। साथ ही, ये लोग दूसरे युवाओं के लिए उदाहरण हैं। जिनकी बदौलत अन्य युवा रक्तदान करने के लिए प्रेरित होते हैं। लेकिन, समय की मांग को देखते हुए हमें रक्तदाताओं की संख्या को बढ़ाना होगा। जिसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। ताकि, लोगों को रक्तदान के सामाजिक और शारीरिक महत्व को समझाया जा सके। उन्होंने बताया, नियमित रक्तदान से लो ब्लडप्रेशर और दिल के दौरे का खतरा कम रहता है। रक्तदान से हृदय रोग का खतरा कम होता है। यदि किसी व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन बहुत ज्यादा है, तो रक्तदान से ब्लड की चिपचिपाहट कम हो जाती है। जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने का खतरा, ब्लड क्लॉट और स्ट्रोक की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को रक्तदान करना जरूरी :
सचिव विभा कुमारी ने बताया, रक्तदान करने से इंसान का शरीर स्वस्थ रहता है। सबसे अहम बात यह है कि हमारे रक्त की संरचना ऐसी है कि उसमें समाहित रेड ब्लड सेल (आरबीसी) तीन माह में स्वयं ही मर जाते हैं। लिहाजा प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है। इसलिए सभी को रक्तदान करना चाहिए। हालांकि, रक्तदान का फायदा महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के लिए ज्यादा अहमियत रखता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि महिलाओं को मासिक धर्म होता है। जिसके कारण बिना रक्तदान किए भी स्वाभाविक रूप वो ऐसा करती रहती हैं। वहीं, रक्तदान से सिर्फ शारीरिक लाभ ही नहीं मिलता है, बल्कि इसका एक भावनात्मक पहलू भी है। जब दूसरों को ब्लड की जरूरत होती है, तब रक्तदान करने से आपके भावनात्मक रिश्तों में सुधार होने के साथ एक संतुष्टि और खुशी का अनुभव होता है।



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