- एचडब्ल्यूसी, पांडेयपट्टी अंर्तगत उच्च माध्यमिक विद्यालय में वेक्टर जनित रोग प्रबंधन को लेकर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन
- बेहतरीन पेंटिंग बनाने वाले टॉप छह बच्चों को सम्मानित किया गया
बक्सर | जिले में बढ़ते मच्छरों को देखते हुए डेंगू और मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसके तहत पंचायत स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में अब स्कूली छात्र-छात्राएं भी अलग अंदाज में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा सदर प्रखंड स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पांडेयपट्टी अंतर्गत उच्च माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला। जहां स्कूली छात्रों ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से वेक्टर जनित रोग प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम किया। जिसमें कक्षा सात से लेकर नौवीं तक के छात्र-छात्राएं शामिल हुए। छात्र-छात्राओं ने पेंटिंग के माध्यम से एक प्रदर्शनी लगाई। जिसमें डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों व उससे संबंधित बचाव आदि की जानकारी दी गई। मौके पर सीएचओ श्वेता सिंह, आशा कार्यकर्ता नीति देवी व प्रमिला देवी के अलावा शिक्षकों में कमल कुमार, मो. मुबारक, अंशु कुमारी, रश्मि, उषा कुमारी व अन्य उपस्थित रहीं।
मच्छरों से बचाव को लेकर पेंटिंग बनाने का दिया था टास्क :
दरअसल, एचडब्ल्यूसी की सीएचओ श्वेता सिंह ने बच्चों को मच्छरों से बचाव को लेकर पेंटिंग बनाने का टास्क दिया था। जिसके बाद शनिवार को बच्चों ने आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेते हुए अपनी कला और कल्पनाओं को कागज पर बिखेरते हुए अपने अपने विचारों को प्रकट किया और अपने आस पास के लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से सावधान रहने के लिए सचेत किया। जिसके बाद बच्चों के हौसले को बढ़ाते हुए बेहतरीन पेंटिंग बनाने वाले टॉप छह बच्चों को सम्मानित किया गया। विजेताओं में कक्षा सात की अफसाना खातून, कक्षा आठ की प्रिया कुमारी, कक्षा 9 की शगुन कुमारी, कक्षा सात का अमन, कक्षा 9 की विभा कुमारी तथा कक्षा सात की कोमल कुमारी व खुशी कुमारी शामिल रहीं। साथ ही, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों के बीच चॉकलेट्स का भी वितरण किया गया।
परिवार के सदस्यों से कहें - सोने के समय मच्छरदानी का करें प्रयोग :
सीएचओ श्वेता सिंह ने स्कूली बच्चों को बताया कि बरसात के मौसम में मच्छरों के कारण डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ने की संभावना प्रबल होती है। ऐसे में उचित समय में मरीज का इलाज होना अनिवार्य है। लेकिन, इसके लिए डेंगू और मलेरिया के लक्षणों की पहचान होेना जरूरी है। तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द, जी मचलाना एवं उल्टी होना, आंख के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान, नाक, मसूढ़ों से रक्तस्राव, काला मल का आना डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण हैं। लक्षणों के दिखाई पड़ते ही चिकित्सीय सलाह लें। इसे मौसमी बुखार समझ कर हलके में न लें। वहीं, मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें, पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें, जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें, खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें।
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