- निजी स्वास्थ्य संस्थानों के संचालकों के साथ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने की बैठक
- योजना से जुड़ने के लिए अनिवार्य मापदंडों की दी गई विस्तृत जानकारी
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में अब निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके बाद आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्डधारी अपना इलाज आसानी से करा सकेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने जिले के निजी स्वास्थ्य संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक की। जिसमें निजी स्वास्थ्य संस्थानों के संचालकों को योजना के तहत निर्धारित मापदंडों को पूरा करने का निर्देश दिया है। ताकि, उन्हें इस योजना से जोड़ा जा सके। इसके लिए शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य संस्थानों को भी प्रेरित किया जा रहा है। बैठक में उपविकास आयुक्त डॉ. महेंद्र पाल, एसडीसी विकास जायसवाल, बिहार स्वास्थ्य रक्षा समिति के ऑपरेशन डायरेक्टर अलोक रंजन, सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ, बीपीसी डॉ. अशोक प्रसाद केसरी और आईटी मैनेजर अभिषेक कुमार शामिल थे।
अब तक एक भी निजी अस्पताल योजना से नहीं है सूचीबद्ध :
बैठक में डीडीसी डॉ. महेंद्र पाल ने कहा, जिले में अब तक एक भी निजी स्वास्थ्य संस्थान या अस्पताल योजना से सूचीबद्ध नहीं है। जो काफी चिंतनीय है। लेकिन, जल्द ही अस्पतालों को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाएगा। लेकिन, इसके लिए अस्पतालों को निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरना होगा। तभी उन्हें सर्टिफाइड किया जाएगा। इस योजना में शामिल होने वाले उपस्थित निजी नर्सिंग होम तथा अन्य अस्पतालों के संचालक इस संदर्भ में सभी आवश्यक कागजातों के साथ ठीक ढंग से फॉर्म भरने का निर्देश दिया। शत-प्रतिशत सही भरे हुए फॉर्म को अग्रेतर कार्रवाई करते हुए मुख्यालय को समर्पित की जाएगी। उन्होंने बताया, इस योजना से न केवल चिकित्सीय क्षेत्र में बदलाव होगा, बल्कि आयुष्मान भारत योजना के गोल्डेन कार्डधारकों को इलाज के लिए इधर उधर नहीं भटकना होगा।
पांच लाख तक का होता है इलाज :
बीपीसी डॉ. अशोक प्रसाद केसरी ने बताया, इस योजना के माध्यम से गोल्डेन कार्डधारक के परिवार के सदस्यों को सालाना पांच लाख रुपये तक की चिकित्सीय सुविधा दी जाती है। इसके लिए योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल इलाज के दौरान खर्च की राशि बुक करेंगे। जो कार्डधारी के आधार वैरिफिकेशन के बाद ही होगा। उसके बाद उसे राशि की स्वीकृत करते हुए अस्पताल के खाते में राशि भेज दी जाती है। यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। अस्पताल को कैशलेस भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया, इस योजना का लाभ केवल गोल्डेन कार्ड धारक ही उठा सकते हैं। इसमें फर्जीवाड़े की कोई भी संभावना नहीं होती।
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