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आशा कार्यकर्ताओं को खाली पेट फाइलेरिया रोधी दवाएं नही खिलाने की हिदायत- buxar-bihar-block


- एमडीए राउंड के सफल संचालन के लिए सदर प्रखंड में आशा कार्यकर्ताओं का किया गया उन्मुखीकरण
- आशा कार्यकर्ताओं को माइक्रो प्लान तैयार करने का दिया गया निर्देश, दी गई अभियान की जानकारी

बक्सर । जिले के सभी प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) के तहत 10 अगस्त से आशा कार्यकर्ताएं घर घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराएंगी। जिसको लेकर सदर प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं को एमडीए राउंड को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया गया।


इस क्रम में चिकित्सा पदाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने बताया कि सदर प्रखंड समेत पूरे जिले में 10 अगस्त से शुरू होने वाले एमडीए राउंड की सारी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन टीम के कंधों पर रहती है। जिसके लिए आशा कार्यकर्ताओं और डीए टीम के सदस्यों काफी सजग होकर अभियान का संचालन करना है। इस बार 10 अगस्त से 14 दिनों तक घर घर जाकर दवाओं का सेवन कराना है। जिसके लिए सभी आशा कार्यकर्ता अपना अपना माइक्रो प्लान तैयार कर लें। जिसके आधार पर अभियान का अनुश्रवण किया जा सके। वहीं, 14 दिनों के बाद बूथों का संचालन कर लाभुकों को दवाओं का सेवन कराना है। उन्होंने सख्ती के साथ आशा कार्यकर्ताएं को बताया कि सभी इस बात पर ध्यान देंगी कि किसी भी हाल में लाभुकों को खाली पेट दवाओं का सेवन नहीं कराना है।


प्रखंडों में गठित की जाएगी क्विक रिस्पॉन्स टीम :
सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर प्रखंडों में क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन किया जाएगा। ताकि आपात स्थिति में लाभुकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सके। हालांकि, इसकी जरूरत न पड़े इसलिए आशा कार्यकर्ताएं लाभुकों को दवाओं का सेवन करने से पहले यह सुनिश्चित करें की लाभुकों ने भोजन किया है या नहीं। उन्होंने बताया कि भोजन करने बाद दवाओं का सेवन करने पर भी किसी को जी मचलना, सर भारी होना, चक्कर आना जैसी शिकायत हो रही है तो उनमें माइक्रो फाइलेरिया के लक्षण हैं। जिसमें दवाओं के प्रभाव के कारण जब माइक्रो फाइलेरिया परजीवी खत्म होने लगते हैं, तभी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। इसलिए लाभुकों को समझाएं कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित है।
साल में एक बार पांच वर्ष तक दवा की एक खुराक लें :
स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि जिन लोगों के रक्त में माइक्रो फाइलेरिया का परजीवी मौजूद है लेकिन वर्तमान में उसका लक्षण दिखाई नहीं पड़ रहा है। वैसे लोग साल में एक बार पांच वर्ष तक दवा की एक खुराक लें, जिससे फाइलेरिया जैसे बीमारी से बचाव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि एमडीए राउंड के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलाना है। दो से पांच वर्ष तक के डीईसी की एक गोली व एल्बेंडाजोल की एक गोली जबकि छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली व एल्बेंडाजोल की एक गोली देने व 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली का सेवन कराना है। कार्यशाला में सदर पीएचसी के बीएमसी आलोक राज, बीएचआई उदय कुमार, पीरामल के पीओसीडी अमलेश कुमार, पीओसीडी श्याम सुंदर व पीएल संगीता कुमारी समेत आशा कार्यकर्ताएं मौजूद रही।



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