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मास्क के उपयोग से प्रदूषण के साथ टीबी व कोरोना से होगी हिफाजत : डॉ. नरेश- doctor-naresh




• कोरोना से बचाव के लिए लगाया गया मास्क टीबी के लिए भी सुरक्षा कवच
• मास्क पहनने में लापरवाही फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकती है

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में ठंड के साथ कोरोना संक्रमण की रफ्तार भी बरकरार है। ठंड व कुहासे के कारण न केवल कोरोना संक्रमण के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है, वरण कुहासे के कारण प्रदूषण व मौसम जनित बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस मौसम में केवल सतर्क रहने की जरूरत होती है, बल्कि दिनचर्या और रहन सहन को भी बेहतर करना पड़ता है। जिससे हम बीमारियों की चपेट में आने से बच सकेंगे। ऐसे में मास्क की महत्ता व उसके फायदों को नकारा नहीं जा सकता। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि मास्क के जरिए कोरोना ही नहीं टीबी के संक्रमण को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। ऐसे सभी रोग जैसे इंफ्लूएंजा, सर्दी, खांसी या टीबी जो ड्रॉपलैट्स के जरिए फैलते हैं, उनको रोकने में मास्क बेहद कारगर है।
संक्रमण व अन्य बीमारियों को फैलने से रोका :
जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ. नरेश कुमार ने बताया, कोरोना से बचाव के लिए लगाया गया मास्क टीबी के लिए सुरक्षा कवच साबित हुआ है। बीते एक साल में लोगों के मास्क लगाने की आदत ने एक-दूसरे में कोरोना संक्रमण व अन्य बीमारियों को फैलने से रोका है। उन्होंने बताया, टीबी की बीमारी छींकने, खांसने से फैलती है। कोरोना से बचाव के लिए अधिकांश लोगों ने लगातार मास्क का उपयोग किया है। जिसके कारण टीबी का संक्रमण एक से दूसरे में कम फैला। उन्होंने बताया कि टीबी का एक मरीज सालभर में 10 से 15 लोगों को संक्रमित करता है। कहा जाए तो नए मरीज बनाता है। लेकिन, टीबी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लेकिन मास्क ने काफी हद तक कारगर है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील किया कि आगे भी इसी तरह मास्क का उपयोग करते रहें। ताकि कोरोना के साथ अन्य कई तरह की बीमारियां उन्हें चपेट में नहीं लेंगी।
मास्क ठीक तरह से पहनना जरूरी :
डॉ. नरेश कुमार ने बताया, बुखार या जुकाम जैसी बीमारियां छींक या खांसी के बाद वायरस और बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करने की वजह से फैलते हैं। ऐसे में मुंह और नाक पर मास्क होने से इन बीमारियों का खतरा भी काफी कम हो गया। उन्होंने कहा, मास्क पहनने में लापरवाही फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकती है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि मास्क ठीक तरह से पहना जाए। ऐसा न होने पर बाहर से आने वाली धूल या अन्य गैस चेहरे और नाक के पास जमा हो जाती हैं। सांस लेने के साथ ही ये सीधे शरीर के अंदर प्रवेश करती हैं। जो बिना मास्क के शरीर में दाखिल होने से ज्यादा खतरनाक होती है। इसी तरह डिब्बी वाले मास्क में भी धूल के कण ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसके अलावा कपड़े से बने मास्क रोज बदलकर या धोकर पहनें। सर्जिकल मास्क का उपयोग आठ घंटे से ज्यादा न करें।


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