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’भविष्य का बिहार’ विषय पर ’केषव टाइम्स’ व ’द भारत नाउ’ ने पटना के लेमन ट्री होटल में आयोजित की मीडिया परिचर्चा, शामिल हुए पक्ष विपक्ष के नेता- keshav-times-buxar-bihar


बक्सर । बिहार के अग्रणी डिजटल मीडिया ग्रुप द भारत नाउ व केषव टाइम्स ने रविवार को भविष्य के बिहार विषय पर एक मीडिया परिचर्चा का आयोजन किया। यह आयोजन पटना के लेमन ट्री होटल में आयोजित हुआ। परिचर्चा का उद्घाटन कांग्रेस के पूर्व प्रदेष अध्यक्ष मदन मोहन झा, बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह, कांग्रेेस प्रवक्ता राजेष राठौर, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सहजानंद सिंह, भारत नाउ के चीफ एडिटर राकेष कुमार व केषव टाइम्स के एमडी अरविंद कुमार चौबे ने किया।

परिचर्चा में सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेता शामिल हुए। इस दौरान नेताओं ने भविष्य के बिहार विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त किए तथा भविष्य के बिहार के प्रति अपनी सोंच को बताया। परिचर्चा में वक्ताओं ने भविष्य के विकसित बिहार बनाने के प्रति अपने सुझाव साझा किए तथा षिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार को बढ़ावा दे बिहार को विकसित और मजबूत बनाने की बातें कही। प्रायः सभी वक्ताओं ने कहा कि आने वाले समय में युवाओं की हाथ में बिहार की बागडोर मिलने वाली है, जिनके पास बिहार को विकसित राज्य बनाने की इच्छाषक्ति है। वक्ताओं ने बिहारीपन और बिहारी मेधा को संजोन की बात भी की। वही परिचर्चा के दौरान लोगों द्वारा पूरे गए सवालों का बखूबी जबाव भी वक्ताओं ने दिया। इस परिचर्चा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेष अध्यक्ष मदन मोहन झा, बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह, वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेष कुमार साहनी, राजद की प्रदेष मीडिया प्रभारी ऋतु जायसवाल आदि ने भाग लिया। जबकि परिचर्चा के दौरान बक्सर के चर्चित पत्रकार डॉ. शशांक शेखर उपाध्याय, होटल व्यवसायी विनोद राय, युवा किसान रंजन मिश्र, समेत दर्जनों लोगों ने अपने सवाल पूछे। कार्यक्रम को संपन्न कराने में द भारत नाउ व केषव टाइम्स मीडिया ग्रुप के सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 




बिहार का अपेक्षित विकास नहीं हुआ - मदन मोहन झा

इस परिचर्चा की शुरूआत कांग्रेस के पूर्व प्रदेष अध्यक्ष मदन मोहन झा के साथ हुई। उन्होंने स्वीकार किया कि बिहार का उम्मीद के मुताबिक विकास नहीं हुआ है। उन्होंने षिक्षा, स्वास्थ्य व उद्योग को बढ़ावा देकर भविष्य के बिहार को विकसित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में टैलेंट की कमी नहीं है बल्कि संसाधन व इच्छाषक्ति की कमी है। श्री झा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग का भी राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने बिहार के पिछड़ेपन के लिए जनता को भी दोषी माना और कहा कि जनता को भी सोंच समझकर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए।


नीतीश कुमार की विदाई तय - सुधाकर सिंह

वही इस परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई तय है, चाहे इसमें तीन महीना का समय लगे या नौ महीने का। उन्होंने कहा कि इसके बाद युवाओं के हाथ में बिहार की बागड़ोर आएगी। युवाओं का विजन क्लीयर है। उन्हें अपना भविष्य नजर आ रहा है। जिस कारण वे बिहार को विकसित बिहार बनाएंगे। पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की स्थापना के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। लेकिन बिहार में सदन के अंदर और बाहर के अलावे मीडिया के सामने भी बोलने की छूट नहीं है। यहां लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीष कुमार एक अच्छे टीम लीडर नहीं है, बल्कि वे व्यक्तिवादी नेता है। उन्होंने कहा कि जब नीतीष कुमार राजद के साथ गठबंधन किए तो आष्चर्य हुआ था। गठबंधन तोड़ने पर कोई आष्चर्य नहीं हुआ। राजद के साथ गठबंधन वाली सरकार ने मात्र 17 महीने में पांच लाख नौकरियां दी। सामाजिक, आर्थिक जनगणना को पूरा करवाया। उन्होंने कहा कि षिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि को बढ़ावा देना उनके सरकार का एजेंडा है। 




शिक्षा व आर्थिक विकास पर काम होना जरूरी - रितू जायसवाल

इस परिचर्चा में भाग लेते हुए राजद महिला विंग की प्रदेष अध्यक्ष रितू जायसवाल ने कहा कि अगर भविष्य की बिहार की बात करें तो सरकार की भूमिका सबसे पहले आयेगी। उसके बाद पॉलिसीज और उसके बाद पॉलिसी के इंप्लीमेंट की बात आयेगी। उन्होंने कहा कि बिहार के भविष्य सुधारने में जनप्रतिनिधियों में इक्ष्छा शक्ति की कमी है तो है ही इसके अलावा इंफ्रास्टर की भी कमी है। बिहार में विकास के आड़े में माइग्रेशन सबसे बड़ी समस्या है। साथ ही, उद्योग व किसानों में उद्यमिता की कमी है। जिसके लिए नई पॉलिसीज लाने की जरूरत है। ताकि, इन क्षेत्रों में सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार आई तो बिहार को शिक्षा व आर्थिक विकास के लिए योजनाओं को मजबूत किया जायेगा। साथ ही, सांस्कृतिक ढांचा, सामाजिक ढांचा को मजबूत किया जायेगा। महिला नेत्री ने कहा कि बिहार में आधी आबादी को आरक्षण देकर अपलिफ्ट किया गया। हमें यह देखना होगा की उनको इसका पूरा लाभ मिले। जैसे मुखिया बनने के बाद भी पंचायत का नेतृत्व उनके परिजन करते हैं। इसको बंद करना होगा। जिससे वो स्वयं आगे आकर काम संभाले। जब यह काम होगा तभी सही मायने में विकास होगा। बिहार के पिछड़ने का यह भी कारण है कि कोई भी सरकार मजबूत नहीं है। बिना गठबंधन के यदि सरकार बने तो बिहार का भविष्य बदलेगा।  






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