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एक सप्ताह से अधिक बुखार के लक्षण खतरनाक, कराएं डेंगू की जांच




- राज्य में डेंगू को लेकर अलर्ट जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क
- स्वास्थ्य विभाग ने की जिलेवासियों से घर के आसपास साफ सफाई रखने की अपील
- बिना मच्छरदानी के न सोने व बच्चों को पूरे बांह के कपड़े पहनाने की दी सलाह

बक्सर | सूबे में एक बार फिर डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है। जिसको लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य समिति ने अलर्ट जारी कर दिया है। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति ने लोगों को मच्छरों से बचाव व उनके प्रबंधन को लेकर जागरूक करना शुरू कर दिया है। फिलहाल जिले में डेंगू के नए मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, विभाग किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहता है। इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने जिलेवासियों से सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करने की अपील की है। साथ ही, गर्भवती महिला तथा बच्चे को पूरे बांह वाले कपड़े पहनने की सलाह दी है। मच्छरों को दूर रखने वाले क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर सूरज निकलने के दो घंटा बाद और सूरज डूबने के दो घंटा पहले सक्रिय होते और इसी दौरान सबसे अधिक काटते हैं।
लक्षण दिखने पर तत्काल करें सरकारी अस्पताल में संपर्क :
डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू होने पर प्लेटलेट 20 हजार से कम हो तभी चिंतित होने की आवश्यकता है। डेंगू में खतरनाक स्थिति तब होती है, जब बुखार कम होता। अमूमन दूसरे सप्ताह में लक्षण खतरनाक हो जाता है। पेट में दर्द, उल्टी और पेशाब कम होता है। वहीं, शरीर पर चकते  होने लगते हैं। लक्षण दिखने पर लोगों को तत्काल अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। ताकि, समय से मरीज का इलाज शुरू हो सके। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों एवं जांच घरों में डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट से होती है। जांच में एनएस-1 पॉजिटिव आने पर मरीज में डेंगू की घोषणा की जाती है। हालांकि रैपिड डायग्नोस्टिक किट से जांच कर डेंगू के लक्षण वाले रोगी चिह्नित किए जा सकते हैं। लेकिन, यह जांच डेंगू होने की पूरी तौर पर पुष्टि नहीं करती है। सदर अस्पताल में एनएस-1 से जांच की सुविधा उपलब्ध है। 
डेंगू को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं : 
डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू के लक्षण सात दिन के अंदर स्पष्ट होने लगते हैं। दर्द, उल्टी, बुखार, आंखों के पीछे दर्द होना इसके विशेष लक्षण हैं। दर्द से बुखार आ जाता है, जिसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एक व्यक्ति के बुखार से संक्रमित होने पर इसका खतरा अन्य लोगों को भी होता है। जमा हुए पानी में मच्छर का लार्वा पनपता है। इसलिए घर में कूलर, गमला आदि में पानी न जमा होने दें। उन्होंने कहा कि अब बरसात का मौसम खत्म होने वाला है। कुछ दिनों में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाएगा। इस दौरान जो बीच का मौसम है, उसमें सतर्कता बरतने की जरूरत है। ये मौसम डेंगू के अनुकूल होता है। इसलिए घर के आसपास सफाई रखें। जलजमाव नहीं होने दें। मच्छर के पनपने का कोई का भी रास्ता नहीं छोड़ें। ऐसा करने से डेंगू के साथ मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा।


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