(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- कोरोना संक्रमण के खिलाफ जिले में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में लोग टीका लेने में अभी भी उदासीनता दिखा रहे हैं। जिसके कारण प्रशासन व स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों की चिंता बढ़ी हुई है। ऐसे में अधिक से अधिक लोगों को टीकाकृत करने के लिये जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) विभाग के अधिकारी व फ्रंट लाइन वर्कर्स को लोगों को जागरूक करने का टास्क दिया गया है। जिसके बाद से जिले के सभी परियोजना में संबंधित सीडीपीओ के साथ-साथ पर्यवेक्षिकाएं व आगंनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं और सहायिकाएं लोगों को जागरूक और प्रेरित करने में जुटी हुई हैं। आईसीडीएस की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी तरणि कुमारी ने सभी परियोजना क्षेत्र एक-एक घर का भ्रमण कर 45 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वह स्वयं भी प्रखंडों में जाकर आंगनबाड़ी केंद्रों के अंतर्गत पोषण क्षेत्रों में जाकर विविध गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई हैं।
जागरूकता के साथ भ्रांतियों को भी किया जा रहा है दूर :
डीपीओ तरणि कुमारी ने बताया, टीकाकरण को लेकर क्षेत्रों में कई भ्रांतियां और अफवाह भी फैली हुई हैं। जिसके कारण लोग टीका लेने में संकोच कर रहे हैं। इसके लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें लोगों को टीका लेने के लिये प्रेरित तो किया हीं जा रहा है, साथ ही उनके मन में व्याप्त भ्रांतियों व अफवाहों के कारण उत्पन्न गलत धारणाओं को दूर भी किया जा रहा है। विशेष कर ग्रामीण इलाकों में लोगों को प्रेरित करने में थोड़ी परेशानी आ रही है। लेकिन, उन्हें भी टीके के फायदें और टीका नहीं लेने पर होने वाली परेशानियों से अवगत कराया जा रहा है। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण क्षेत्र में बैनर व पोस्टर के साथ रैली भी निकाली जा रही है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा सके।
60+ के लाभार्थियों को भी किया जा रहा प्रेरित :
सिमारी सीडीपीओ संगीता कुमारी ने बताया, क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह पाया गया कि अभी भी इलाके के अधिकांश 60+ के लाभार्थियों ने टीका नहीं लिया है। इसलिये 45+ के साथ-साथ 60+ के लाभार्थियों को भी टीका लेने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। जिसके बाद जिले के 45 वर्ष व उससे अधिक उम्र के सभी लाभार्थियों को टीका देकर सुरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया, डोर-टू-डोर भ्रमण के दौरान यह भी पाया गया कि कई लोग टीके की पहली डोज ले चुके हैं, लेकिन वह दूसरी डोज नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे में उन लोगों को भी चिह्नित कर दूसरा डोज लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि जब तक वह टीके की दूसरी डोज नहीं ले लेते, तब तक वह कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होंगे। साथ ही, उन्हें मास्क व शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने की भी सलाह दी जा रही है।
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