बक्सर । समाहरणालय परिसर स्थित सभाकक्ष में शुक्रवार को उप विकास आयुक्त (डीडीसी) बक्सर, आकाश चौधरी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में ग्राम पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल बक्सर, संबंधित प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य राजकीय नलकूपों के रख-रखाव, मरम्मति एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की उपलब्धता सुनिश्चित करना था। डीडीसी ने निर्देश दिया कि जिन पंचायतों से अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, वे शीघ्र इसे लघु सिंचाई प्रमंडल बक्सर को उपलब्ध कराएँ, ताकि अगले किस्त की राशि समय पर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की जा सके और किसानों को सिंचाई सुविधा बहाल की जा सके।
डीडीसी चौधरी ने स्पष्ट किया कि नलकूपों से जुड़ी योजनाओं को गति देने के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा प्राप्त राशि का सही उपयोग आवश्यक है। साथ ही उन्होंने प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों को इस कार्य की साप्ताहिक अनुश्रवण कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि लघु सिंचाई प्रमंडल बक्सर अंतर्गत कुल 220 नलकूपों को चालू कराने हेतु प्रथम किस्त की राशि मुखियाओं को हस्तांतरित की गई थी, जिनमें से 163 नलकूपों का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है, जबकि 57 लंबित हैं। इसी प्रकार, 135 नलकूपों पर द्वितीय किस्त की राशि दी गई थी, जिनमें 69 का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है और 66 अब तक अप्राप्त हैं। वहीं 42 नलकूपों पर तृतीय किस्त की राशि दी गई थी, लेकिन उनमें से केवल 10 का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध हुआ है, शेष 32 अभी लंबित हैं।
डीडीसी ने यह भी निर्देश दिया कि जिन पंचायत सचिवों के कार्यभार आदान-प्रदान की प्रक्रिया लंबित है, उसे तत्काल पूरा कराया जाए, ताकि उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्गत करने में कोई बाधा न रहे।
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