बक्सर । ब्रह्मपुर हाई स्कूल खेल मैदान में गुरुवार को आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन ने आने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी दिशा को और स्पष्ट कर दिया है। भाजपा की अगुआई में हुए इस सम्मेलन में गठबंधन के तमाम दलों के नेता मौजूद रहे, लेकिन असली मुकाबला इस बार उम्मीदवार की दावेदारी को लेकर दिखा।
सम्मेलन में लोजपा (रा.) के हुलास पांडेय और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रदीप राय ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की। हालांकि, राजनीतिक समीकरणों पर नजर रखने वाले मानते हैं कि भीड़ और जनसमर्थन के मामले में प्रदीप राय आगे रहे।
प्रदीप राय करीब 400 गाड़ियों के काफिले के साथ सम्मेलन स्थल पर पहुंचे। रास्ते भर उनका भव्य स्वागत हुआ और मैदान में भी उनके समर्थकों की मौजूदगी भारी रही। उनके पहुंचते ही माहौल पूरी तरह भाजपा खेमे के पक्ष में दिखाई दिया।
इसके उलट, लोजपा (रा.) नेता हुलास पांडेय, जो खुद को सीट की रेस में मजबूत दावेदार मान रहे थे, सम्मेलन में उतना प्रभाव छोड़ने में नाकाम दिखे।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो ब्रह्मपुर सीट पर एनडीए में अंदरखाने खींचतान जारी है। भाजपा के संगठनात्मक ढांचे और प्रदीप राय की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें टिकट मिलने की संभावना प्रबल मानी जा रही है। दूसरी ओर, हुलास पांडेय का दावा लोजपा (रा.) के क्षेत्रीय प्रभाव और जातीय समीकरणों पर आधारित है।
कुल मिलाकर सम्मेलन ने साफ कर दिया कि ब्रह्मपुर में भाजपा-लोजपा (रा.) के बीच टिकट को लेकर रस्साकशी चरम पर है, लेकिन कार्यकर्ताओं और जनसमर्थन के स्तर पर फिलहाल प्रदीप राय का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह सम्मेलन महज़ औपचारिकता नहीं था, बल्कि टिकट की जंग का ट्रेलर था। भाजपा का संगठनात्मक नेटवर्क और प्रदीप राय की पकड़ इस सीट पर उन्हें मजबूत दावेदार बना रही है, जबकि लोजपा (रा.) जातीय समीकरणों और स्थानीय समर्थन के दम पर दांव खेल रही है।
अब सवाल यह है कि एनडीए हाईकमान किसे टिकट देगा? अगर प्रदीप राय मैदान में आते हैं तो मुकाबला विपक्ष के लिए मुश्किल हो सकता है। वहीं, हुलास पांडेय को टिकट मिलने पर भाजपा खेमे में असंतोष गहराने की आशंका जताई जा रही है।
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