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रूस-यूक्रेन व नेपाल से MBBS बनाने का दावा कर छात्रों से करोड़ों रुपये ठगी करने वाले इटाढ़ी के फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार करेगी पुलिस !- police-medical



बक्सर । बिहार में आये दिन फर्जीवाड़े का मामला सामने आ रहा है. अभी कुछ दिन पहले जमुई जिले में दो लाख रुपए में फर्जी आईपीएस बनाने के नाम पर गरीब युवक ठगी का शिकार बना था जिससे देश-दुनिया में बिहार का नाम काफी बदनाम हुआ. अभी यह मामला ठंडा भी नही हुआ कि बक्सर जिले के इटाढ़ी क्षेत्र में एक फर्जी पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट द्वारा छात्रों से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आ गया है. आश्चर्य की बात यह है कि इटाढ़ी प्रखंड कार्यालय के ठीक सामने ही एक मकान के बेसमेंट में यह फर्जी संस्थान का संचालन पिछले 6 सालों से हो रहा है और इस संस्थान के ऊपर कभी प्रशासन की नजर ही नही पड़ी.

 नतीजा यह हुआ कि अब सूबे के कई जिलों के छात्रों से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन व नौकरी दिलाने के नाम पर संस्थान के संचालक जो खुद को डॉक्टर और भावी विधायक प्रत्याशी लिखता है उस धनजी पाल ने करोड़ों रुपए की ठगी कर आराम से प्रशासन एवं आम आदमी के आँखों में धूल झोकता रहा. इतना ही नहीं, छात्रों का आरोप है कि इस संस्थान ने मेडिकल कोर्स के नाम पर छात्रों से पैसे वसूले, लेकिन न तो किसी परीक्षा का आयोजन किया गया और न ही छात्रों को कॉलेज का दौरा कराया गया. संचालक और अन्य कर्मी मौके से फरार हो गए हैं, और छात्रों द्वारा पुलिस में की गई शिकायत के बावजूद अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस ऐसे ठग और फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार करेगी ?

वही फर्जी इंस्टिट्यूट द्वारा पेश किए गए फी स्ट्रक्चर में एएनएम के लिए 1.5 लाख रुपये, जीएनएम के लिए 5 लाख रुपये, बी.एससी नर्सिंग कोर्स के लिए 6 लाख रुपये, और अन्य कोर्स के लिए भी भारी भरकम फीस निर्धारित की गई है. इतना ही नहीं, इस फर्जी पाल पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में लगे पोस्टर के माध्यम से छात्रों को रूस-यूक्रेन, नेपाल सहित अन्य देशों से MBBS बनाने का दावा किया गया है. 

यह मामला तब उजागर हुआ जब छात्रों ने अपने पैसे और चार साल का समय बर्बाद होते देख थाने में शिकायत करने का फैसला किया. छात्रों का आरोप है कि उन्होंने चार साल पहले फर्जी पाल पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट में नामांकन कराया था, जहां से उन्हें जीएनएम, बीएएएमएस और अन्य मेडिकल कोर्स के लिए भारी भरकम फीस चुकानी पड़ी थी. मनीष कुमार नामक एक छात्र ने बताया कि उसने 2020 में जीएनएम कोर्स के लिए पांच लाख रुपये दिए थे, लेकिन उसे अभी तक न तो कोई कक्षाएं मिलीं और न ही परीक्षा का आयोजन हुआ.


रोहतास के ज्योतिष कुमार ने कहा कि वह इंटरनेट पर नर्सिंग कॉलेज की तलाश कर रहे थे, तभी उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने उन्हें इटाढ़ी आने के लिए प्रेरित किया. इसी तरह, भोजपुर जिले के शिवशंकर ने कहा कि उसने किसी परिचित से इस संस्थान के बारे में सुना और पूरी फीस जमा कर दी, लेकिन रसीद भी नहीं दी गई.



वही इस मामले में डेढ़ माह पूर्व छात्रों ने ठगी के आरोपी डॉ धनजी पाल के खिलाफ इटाढ़ी थाने में लिखित शिकायत दी है, लेकिन पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. छात्रों का कहना है कि पुलिस समझौता कराने की कोशिश कर रही है, जिससे मामला लटक रहा है. वही इस मामले में थानाध्यक्ष सोनू कुमार का कहना है कि छात्रों से फर्जीवाड़े की जानकारी मिली है छात्रों ने आवेदन भी दिया है अभी तक प्राथमिकी इसलिए नहीं दर्ज की गई, क्योंकि छात्रों का यह कहना था कि वह पैसे वापस लेने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि पुलिस तो पैसे वापस दिलाने में कोई मदद नहीं कर सकती. ऐसे में जल्द ही उनके आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.







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