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राज्य के मेडिकल कॉलेज में पहली बार शुरू होगा डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन- state-medicine

 


-   थैलेसेमिया और हेमोफीलिया जैसे रोगों का यहीं हो पाएगा डायग्नोसिस
- जेनेटिक लेबल काउंटिंग भी हो पाएगी संभव 
- विभाग की स्थापना के बाद शुरू होगी पीजी की पढ़ाई 

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/पटना):- राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पहली बार नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन की स्थापना होगी। इस विभाग की स्थापना से थैलेसीमिया और हेमोफिलीया के साथ वैसे रोग जिसमें ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। उन्हें राज्य में ही डाइग्नोसिस और जेनेटिक लेबल काउंटिंग जैसी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। राज्य स्वास्थ्य समिति में ब्लड सेल के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि राज्य के एनएमसीएच में यह सुविधा जल्द ही मौजूद होगी। इसके लिए एनएमसीएच के प्राचार्य को एक पत्र भी निर्गत किया गया है। जिसमें विभाग के स्थापित किए जाने के लिए उचित कारवाई करने का अनुरोध किया गया है। 
                   




वहीं ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन विभाग की स्थापना को लेकर एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ हीरा लाल महतो ने कहा कि इसकी स्थापना एनएमसीएच के ब्लड बैंक में ही होगी। विभाग की स्थापना को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति को नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमानुसार सारी आवश्यकता को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। जिसके बाद विभाग की स्थापना होगी। 

होगी पीजी की पढ़ाई

प्राचार्य डॉ हीरा लाल महतो ने कहा कि विभाग की स्थापना के बाद इस विभाग के द्वारा राज्य में पहली बार ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन में पीजी की पढ़ाई होगी। जिससे राज्य में कार्यरत ब्लड बैंको को उनके एक्सपर्ट मिलेगें। इससे उनके स्टोरेज, संधारण, कलेक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन के प्रबंधन में आसानी होगी। इससे ब्लड बैंक सुपर स्पेशलाइज्ड ब्रांच में तब्दील की दक्षता में बहुत बड़ा परिवर्तन होगा। ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन की पीजी में पढ़ाई कराने वाला भी यह राज्य का पहला मेडिकल कॉलेज होगा।

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